हिंदी भाषा नहीं,
भावो की अभिव्यक्ति है।
यह मातृभूमि पर, मर मिटने की भक्ति है।।
हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें अपनी मातृभाषा हिंदी की समृद्धि और गौरव का एहसास कराता है। हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और पहचान की धरोहर हैं। इस भाषा में वो मिठास है, जो हृदयो को जोड़ती है और भावनाओं को व्यक्त करने में अद्वितीय सहयोग प्रदान करती है। इस दिन को सार्थकता प्रदान करने हेतु आज दिनांक 14 सितंबर ,2024 को रेलवे रोड स्थित वर्धमान एकेडमी के विशाल सभागार में विभिन्न रचनात्मक गतिविधियो का आयोजन किया गया। कक्षा 3 से 5 तक के छात्र-छात्राओ के मध्य दोहा गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सभी प्रतिभागियों ने मीरा, कबीर, रहीम आदि अलग-अलग कवियों का रूप धारण कर सस्वर दोहा गायन प्रतियोगिता में भाग लिया ।कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के मध्य अंतर सदन "हास्य कविता" का आयोजन किया गया।
प्रधानाचार्या श्रीमती रुपाली चौधरी जी ने अपने संबोधन में कहा कि अपने दैनिक जीवन में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करें। शिक्षा के साथ-साथ अपने संवाद, लेखन और अभिव्यक्ति में भी हिंदी का प्रयोग करें। चाहे आप कितनी भी भाषाएं सीखे, हिंदी का सम्मान करना और इसकी उन्नति में अपना योगदान देना हमारा कर्तव्य है।
" हिंदी को अपनाओ देश को आगे बढ़ाओ।"
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।